बिना दलीले सुने भारत के लाल को नहीं दी जाएगी फांसी
कुलभूषण जाधव एक भारतीय है, जो पाकिस्तान के चुंगल में कैद है. पाकिस्तान का कहना है की, वो बलूचिस्तान में विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहे थे और ये भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ के कर्मचारी हैं। वही भारत कहता है की कुलभूषण जाधव भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी हैं।
10 अप्रैल 2017 में पाक फ़ौज की अदालत ने इन्हें जासूसी के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई थी। 10 मई, 2017 को, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी, भारत ने मौत की सजा के खिलाफ इस न्यायालय से संपर्क किया था। अब निष्कर्ष ये निकला है की जब तक कुलभूषण के खिलाफ सारे गवाह पेश नहीं होते और साथ ही सारी याचिकाएं स्पष्ट नहीं हो जाती उनको फांसी नहीं दी जाएगी।
हमारे सूत्रों के अनुसार इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस रोनी अब्राहम, भारत और पाकिस्तान दोनों से कुलभूषण जाधव के केस की कार्यवाही करेंगे। पूरा भारत कुलभूषण जाधव की वापसी की दुआ कर रहा है और उम्मीद यही है कि भारत का लाल अपने वतन लौट आये.